Sitaram Yechury: सीताराम येचुरी की सेहत में तेजी से सुधार AIMS दिल्ली से राहत की शानदार अपडेट

Sitaram Yechury: सीताराम येचुरी की सेहत में तेजी से सुधार: AIMS दिल्ली से राहत की शानदार खबरCPI (M) की आधिकारिक जानकारी के अनुसार, ICU में भर्ती होने के बाद सीताराम येचुरी की हालत अब अच्छी स्थिर है और उपचार का उन पर सकारात्मक असर हो रहा है।

PTI समाचार एजेंसी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी की भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के महासचिव सीताराम येचुरी की हालत अब स्थिर है और AIMS दिल्ली के उपचार का उन पर अच्छा असर हो रहा है जहां उन्हें फेफड़ों में इनफ़ेक्शन के उपचार के लिए भर्ती कराया गया था।

उन्होंने कहा की उपचार का अब सकारात्मक असर हो रहा है। कॉमरेड सीताराम की हालत अब पहले से बेहतर  है।

PTI की रिपोर्ट के अनुसार सीताराम येचुरी को 19 अगस्त को तेज बुखार के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था जिसके बाद उन्हें ICU में भेज दिया गया था।

31 अगस्त को CPI (M) ने एक बयान जारी कर के यह बताया कि सीताराम येचुरी का सांस लेने से जुड़े समस्या के लिए विशेषज्ञ डॉक्टरों की एक टीम द्वारा इलाज किया जा रहा है।

बीमारी की असल रूप अभी तक उजागर नहीं की गई है। 72 वर्ष के इस कम्युनिस्ट नेता की हाल ही में मोतियाबिंद की सर्जरी भी हुई थी।

Sitaram Yechury
Sitaram Yechury

येचुरी ने 22 अगस्त को X पर 6 मिनट का एक वीडियो जारी किया था जिसमें पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य के निधन के बाद एक संदेश छोड़ा गया था।

उन्होंने कह की यह मेरा नुकसान है कि मैं इस यादगार बैठक में शारीरिक रूप से शामिल नहीं हो सका और कॉमरेड बुद्धदेव भट्टाचार्य को अपनी श्रद्धांजलि नहीं दे सका। यह सबसे दुर्भाग्यपूर्ण है कि मुझे अपनी भावनाओं संवेदनाओं और क्रांतिकारी लाल सलाम को बुद्धो दा तक पहुंचाने के लिए सोशल मीडिया से एम्स से जुड़ना पड़ा।

23 अगस्त को उन्होंने आगामी विधानसभा चुनाव के लिए जम्मू-कश्मीर में PCI (M) कांग्रेस और NC के बीच एकजुटता का संदेश पोस्ट किया।

Also Read: Sheetal Devi: कैसे बिना हाथों वाली तीरंदाज ने विश्व रिकॉर्ड के करीब पहुंचकर सबको चौंकाया

उन्होंने 29 अगस्त को अब्दुल गफूर नूरानी के निधन पर अपनी संवेदनाएं जताते हुए एक पोस्ट कीं जो उनके करीबी दोस्त थे।

उन्होंने लिखा कि अब्दुल गफूर नूरानी के निधन से उन्हें बहुत दुख हुआ। गफूर ने मुझे मुंबई बुलाया था और अपने घर पर बिरयानी खिलाई जो उन्होंने 1993 में मेरे पैम्फलेट “यह हिंदू राष्ट्र क्या है’ पढ़ने के बाद बनाई थी। तब से गफूर मेरे अच्छे दोस्त रहे हैं। उनके परिवार और दोस्तों को मेरी गहरी संवेदनाएं हैं।

Leave a Comment