Sunil Gavaskar ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की पुरानी शक्तियों पर तीखा हमला किया, जिसमें उन्होंने यह आरोप लगाया कि जय शाह ने बार्कले को ICC पद से हटने के लिए मजबूर किया।
ग्रेग बार्कले ने इस महीने की शुरुआत में यह पुष्टि की थी कि वह 30 नवंबर को अपने तीसरे कार्यकाल की समाप्ति के बाद ICC के चेयरमैन के रूप में अपने वर्तमान पद से हट जाएंगे। इस घटनाक्रम के बाद,ICC सचिव जय शाह के विश्व शासी निकाय में भूमिका संभालने के लिए सबसे पसंदीदा व्यक्ति बनकर उभरे। न ही केवल ICC बोर्ड में साथी सदस्यों से समर्थन के मामले में उनके पास पर्याप्त संख्या है, बल्कि वह इस पद के लिए चुनाव लड़ने वाले एकमात्र उम्मीदवार हैं।
हालांकि जय शाह ने अभी तक इस पद के लिए अपना नामांकन दाखिल नहीं किया है, जबकि 27 अगस्त अंतिम तिथि है, लेकिन पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर ने न केवल भविष्यवाणी की है कि अगर 35 वर्षीय जय शाह इस पद को संभालते हैं तो इससे क्रिकेट के खेल को दुनिया भर में लाभ होगा, बल्कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की पुरानी ताकते पर भी तीखा हमला किया है, क्योंकि उन्होंने यह आरोप लगाया है कि उन्होंने बार्कले को ICC पद से हटने के लिए मजबूर किया है।
पूरी संभावना यह है कि जय शाह अगले ICC अध्यक्ष होंगे। जिस तरह उन्होंने भारतीय क्रिकेट के लिए काम किया है, पुरुष और महिला दोनों ही तरह के खिलाड़ियों को इससे लाभ होगा, गावस्कर ने स्पोर्टस्टार के लिए अपने कॉलम में लिखा की जब ग्रेग बार्कले ने तीसरे कार्यकाल के लिए नहीं जाने के अपने इस फैसले की घोषणा की, जिसके वे हकदार थे, तो पुरानी ताकते के मीडिया में ऐसी खबरें थीं कि बार्कले के इस फैसले को शाह ने मजबूर किया था।
जब उन लोगों से पूछा गया जो इन पुरानी शिकायतों पर बात कर रहे थे कि उनके पुराने नेता क्या कर रहे हैं।, तो उन्हें अचानक यह विचार आया कि अगर बार्कले को तीसरा कार्यकाल न लेने के लिए मजबूर किया गया था, तो ICC में उनके अपने प्रतिनिधि बैठक में क्या कर रहे थे?
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भारत के इस अनुभवी बल्लेबाज ने खिलाड़ियों और BCCI प्रशासन के बीच “शानदार टीमवर्क” को भारत में क्रिकेट के फलने-फूलने का कारण बताया।
पिछले कुछ सालों में भारतीय क्रिकेट ने जिस तरह से आकार लिया है वह BCCI और उसके प्रशासन की भी देन है। पुरुष और महिला दोनों टीमें जिस तरह का क्रिकेट खेल रही हैं वह भी भारत में क्रिकेट के आगे बढ़ने का एक बड़ा कारण है। अगर टीम जीत नहीं रही होती, तो प्रायोजक दूर रहते। खिलाड़ियों और प्रशासकों दोनों की शानदार टीमवर्क बताती है कि भारतीय क्रिकेट इतनी स्वस्थ स्थिति में क्यों है। यह हमेशा ऐसा ही रहे, उन्होंने यह भी कहा।