Subhadra Yojana: पिछले महीने में मुख्यमंत्री मोहन मांझी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने 2024-25 के बजट में इस योजना के लिए ₹10,000 करोड़ दिए थे और कहा था कि यदि जरूरत हुई तो फंड बढ़ाया जाएगा।
17 सितंबर को इस योजना के लॉन्च होने के बाद 21 से 60 वर्ष की आयु की लगभग 79.14 लाख महिलाएं ओडिशा में सुभद्रा योजना की लाभार्थी बनेंगी। इन महिलाओं को शुरुआत में ₹10,000 हर साल मिलना शुरू हो जाएगा।
इस साल मई और जून में राज्य विधानसभा और लोकसभा के लिए एक साथ हुए चुनावों की तैयारी में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने योजना के तहत दो वर्षों में महिलाओं को ₹50,000 नकद वाउचर देने का वादा भी किया था।
भाजपा ने इस चुनावी वादे के आधार पर राज्य में जीत हासिल की जहां उन्होंने राज्य विधानसभा की 147 सीटों में से 78 और लोकसभा की 21 में से 20 सीटें जीतीं। लोक नीति CSDS के पोस्ट पोल सर्वे में 43% महिला मतदाताओं ने भाजपा का समर्थन किया जबकि बीजू जनता दल BJD) का समर्थन सिर्फ 39% था।
पिछले महीने मुख्यमंत्री मोहन मांझी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने 2024-25 के बजट में इस योजना के लिए ₹10,000 करोड़ दिए थे और कहा कि यदि अगर जरुरत हुई तो फंड को बढ़ाया जाएगा।
इस बारे में एक SOP बन रही है और महिला और बाल विकास विभाग की सुभद्रा योजना पर हुई एक बैठक के मिनट्स में कहा गया है कि इस वर्ष से 65.25 लाख परिवारों की 21 से 60 वर्ष की आयु की 79.14 लाख महिलाओं को साल में दो बार ₹5,000 दिए जाएंगे। और प्रत्येक लाभार्थी को सालाना ₹10,000 की राशि मिलेगी जो आधार से जुड़े बैंक खाते में दो हिस्सों में जमा की जाएगी।। योजना के तहत लाभ पाने से पहले, बैंकों द्वारा खातों की सक्रियता जांचने के लिए ‘पेनी ड्रॉपिंग’ की जाएगी।
लाभार्थियों की अस्थायी सूची, जो जिलों, ब्लॉकों या शहरी निकायों को भेजी जाएगी और एक खास पोर्टल पर भी उपलब्ध होगी उस पर कोई आपत्ति नहीं मंगाई जाएगी। हर चरण के पूरा होने पर पारदर्शिता बनाए रखने के लिए लाभार्थियों को उनके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर SMS भेजे जा सकते हैं यह बैठक के समय में कहा गया।
मामले से परिचित लोगों ने कहा कि सुभद्रा योजना के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए स्वयं-सत्यापन सुभद्रा पोर्टल या मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से किया जा सकता है और E-KYC चेहरे की पहचान के माध्यम से किया जा सकता है जिससे लाभार्थी अपने घर पर ही आसानी से इस प्रक्रिया को पूरा कर सकते हैं।
यह तरीका लाभार्थियों को नामित केंद्रों पर जाकर कम से कम करने में मदद कर सकता है, जिससे प्रक्रिया और भी आसान और सुविधाजनक हो जाएगी। ऑनलाइन लेनदेन को बढ़ावा देने क्रेडिट हिस्ट्री सुधारने और डिजिटल वित्तीय साधनों का इस्तेमाल बढ़ाने के लिए सरकार ने सबसे ज्यादा ऑनलाइन लेनदेन करने वाले शुभद्रा योजना के लाभार्थियों को पुरस्कार देने की योजना बनाई है।
करीब 7 लाख लाभार्थियों को ₹500 का इनाम दिया जाएगा। जिसकी लागत ₹35 करोड़ होगी और प्रति ग्राम पंचायत 100 से अधिक महिलाओं को पुरस्कार नहीं दिया जाएगा मीटिंग के दौरान एक एक अधिकारी ने ऐसा कहा।
राज्य के 4.74 करोड़ लोगों में से लगभग 1.14 करोड़ लोग जो 21 से 60 वर्ष की आयु के अंदर आते हैं इनमें से सरकार उन परिवारों की महिलाओं को बाहर कर रही है जो या तो केंद्र या राज्य सरकार के कर्मचारी या पेंशनभोगी हैं जिनके पास चार पहिया वाहन है या 5 एकड़ से अधिक भूमि है या जो ₹12,000 प्रति वर्ष या उससे अधिक का भत्ता और छात्रवृत्ति प्राप्त कर रहे हैं।
कालिया योजना के तहत सहायता प्राप्त करने वाले महिला किसान और आयकर का भुगतान करने वाली महिलाएं भी बाहर कर दी गई हैं। लगभग 13 लाख महिलाएं, जो राष्ट्रीय वृद्धावस्था, विधवा, और विकलांगता पेंशन के लाभार्थी हैं, उन्हें भी इस सूची से बाहर रखा गया है। इस प्रकार 21 से 60 वर्ष की आयु वर्ग की 1.14 करोड़ महिलाओं में से लगभग 30% को विभिन्न मानदंडों के कारण बाहर कर दिया गया है।
ओडिशा कंप्यूटर एप्लीकेशन सेंटर IT पर एक राज्य के द्वारा चलायी गयी एजेंसी उनके पास उपलब्ध डेटा सोशल रजिस्ट्री गोल्डन रिकॉर्ड्स RCMS जिसमें NFSA/SFSS डेटा शामिल है उसका उपयोग करके और महिला और बाल विकास विभाग द्वारा दिए गए नियमों के आधार पर अस्थायी लाभार्थी सूची तैयार की जाएगी। योजना को बाद में इस डेटाबेस के बाहर और अन्य पात्र लाभार्थियों को शामिल करने के लिए बढ़ाया जाएगा।
योजना पर प्रतिक्रिया देते हुए कालाहांडी की बीजद विधायक मनोरमा मोहंती ने इसे धोखा करार दिया। उन्होंने कहा की चुनाव के दौरान उन्होंने सभी महिलाओं को ₹50,000 देने का वादा किया था और कोई आयु सीमा नहीं बताई थी अब वे कह रहे हैं कि केवल 21-60 साल की उम्र की महिलाओं को ही मदद मिलेगी। इसके अलावा वृद्धावस्था पेंशन पाने वाली महिलाओं को इस योजना में शामिल नहीं किया जाएगा। ऐसा लगता है कि भाजपा केवल झूठे वादे कर रही है।